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डिप्रेशन क्या होता है, जाने फुल डिटेल के साथ

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डिप्रेशन एक ऐसी चीज़ हे जो इंसान को खत्म करने वाली चीज़ हे इंसान को पता ही नहीं चलता हे कब बो डिप्रेशन में चला गया , ओर नहीं उसको यह पता चलता हे क्यूं चला गया हां अगर आप ध्यान से कोशिश करेंगे जानने की तो आप अच्छे से जान भी सकते हे इसको,  इंसान जो अपनी दिन चारीय को बदलाव करता हे उसी से डिप्रेशन आता हे जैसे कि आपकी नींद पूरी नहीं होना रातको जागना 2 या 3 बजे तक फोन में लगे रहना किसी से बात नहीं करना अकेले पड़े रहना खाना टाइम बे टाइम खाना, तो इसका मतलब यह हे कि आप डिप्रेशन का धीरे धीरे शिकार हो रहे हैं आगे बढ़ कर आपको धीरे धीरे घबराहट होने लगेगी आप निकल निकल कर भागने लगेंगे आपको दुनियां में कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा आप खुदको अकेला महसूस करेंगे। आपको ऐसा लगेगा कि आप का बीपी हाई हो रहा हे हालांकि कोई आपका बीपी हाई या लो नहीं होगा डॉ चेक करेगा सब नॉर्मल आएगा पर आपको सुकून नहीं मिलेगा, ओर aajke टाइम में यह सब चीज़ न्यू जनरेशन को घेर रही हैं क्योंकि आज हमने अपनी आदत खराब कर रखी हे, यह फोन जो हे आजके टाइम में इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका हे इससे आप या आपके बच्चे जितनी दूर रहेंगे उतना ही फ...

नबी की किसी चीज़ को हल्का जानने का हुक्म, ओर मोज्जीजा व करामत का फ़र्क

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  अकीदा, हुज़ूर के किसी कॉल व फैसले व अमल व हालत को जो हिकारत की नज़र से देखे काफ़िर है। मोजिज़्जा व करामत का फ़र्क , वह अजीब व ग़रीब काम जो आदतन ना। मुमकिन हो जिसे नबी अपनी नबूबत के सबूत में पेश करे और उससे मूनकरीन अजीज़ हो जाय वह मोजिजा है जैसे मुर्दा को जिंदा करना ऊंगली के इशारे से चांद को दो टुकड़े कर देना, ऐसी अजीब व ग़रीब बात अगर वली से ज़ाहिर हो तो उसे करामत कहते हैं और निडर बढकर या काफ़िर से हो तो उसको इस्तेदराज कहते हैं।  मोजिज्जा को देखकर नबी की सच्चाई का यक़ीन होता है कि जिसके हाथ पर कुदरत की ऐसी निशानियां ज़ाहिर हों जिसके मुक़ाबिल सब लोग अजीज़ व हैरान हों ज़रूर वह ख़ुदा का भेजा हुआ है। कोई जुंटा नबूबत का दावा करके मोजिजा हरगिज़ नहीं दिखा सकता। अल्लाह ताला झूठे को मोजिजा हरगिज़ नहीं अता फरमाता वरना सच्चे जुंटा में फ़र्क़ ना रहे। नबी की लगज़िश का हुक्म। मसला ए ज़रूरिया, अंबिया अलीमुस्लाम से जो लगज़िशे (भूल चुक) हुई उनका ज़िक्र तिलावते कुरान व रिवायतें हदीस के सिवा हराम और सख़्त हराम है। औरों को उन सरकारों में लब कुशाई की क्या मजाल, अल्लाह ताला उनका मालिक है जिस महल पर ...

अंबिया के रुतबे, सबसे पहला इंसान और सबसे पहला नबी

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हज़रत आदम सबसे पहले इंसान हैं। उनसे पहले इंसान का वजूद न था सब आदमी उन्हीं की औलाद हैं, यही सबसे पहले नबी हैं। अल्लाह ताला ने इनको बे मां बाप के मिट्टी से पैदा किया और अपना खलीफा बनाया। तमाम चीज़ों और उनके नाम का इल्म दिया। फरिश्तों को हुक्म दिया कि आदम को सजदा करो सबने सजदा किया, सिवा शैतान के । उसने इंकार किया और हमेशा के लिये मलून व मर्दुद दुआ। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम से लेकर हमारे नबी मोहम्मद रसूलल्लाह s a w तक बहुत नबी आय। हज़रत नूंह, हज़रत इब्राहीम, हज़रत मूसा, हज़रत ईसा और इनके अलावा हज़ारों। यह चारों नबी भी थे और रसूल भी । सबसे आखरी नबी और रसूल सारी मख़्लूक से अफजल सबके पेशवा हबीब खुदा हमारे आका हज़रत अहमद मुज्तबा मोहम्मद मुस्तफा saw हैं आपके बाद कोई नबी न हुआ न होगा । जो शख़्स हमारे नबी के बाद या आप के ज़माने में किसी और को नबी माने या नबूबत मिलनी जायज़ जाने वह काफ़िर है।   हमारे नबी की ख़ास ख़ास फजीलतें और कमालात, अल्लाह तबारक व ताला ने हमारे हुज़ूर को तमाम जहां से पहले अपने नूर की तजल्ली से पैदा किया । अंबिया फ़रिश्ते ज़मीन आसमान अर्श कुर्सी तमाम जहान को हुज़ूर के नूर ...

नबी की हयात, नबी का इल्म

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 अंबिया अलैहिस्सलाम अपनी अपनी कब्रों में उसी तरह ज़िंदा हैं जैसे दुनियां में थे। अल्लाह रब्बुल इज्ज़त का वादा पूरा होने के लिए एक आन को उन्हें मौत आई है फिर ज़िंदा हो गए उनकी जिंदगी शहीदों की ज़िंदगी से बहुत बढ़कर है। नबी का इल्म? अकीदा, अल्लाह ताला ने अंबिया अलैहिस्सलाम को ग़ैब की बातें बताई। ज़मीन व आसमान का हर ज़र्रा हर नबी की नज़र के सामने है। यह इल्मे गैव अल्लाह के दिए से है लिहाज़ा यह इल्म अतैई हुआ। और अल्लाह ताला का इल्म चूंकि किसी का दिया हुआ नहीं है बल्की ख़ुद उसे हासिल है लिहाज़ा जाती हुआ।  अब जबकि अल्लाह ताला के इल्म और रसूल के ईल्म का फ़र्क मालूम हो गया तो ज़ाहिर हो गया कि नबी व रसूल के लिये ख़ुदा का दिया हुआ इल्मे गैव मानना शिर्के नहीं बल्कि ईमान है जैसा कि आयतों और हदीसों से साबित है। अकीदा, कोई उम्मति जहद व टकबा, तात व इबादत में नबी से नहीं बढ़ सकता। अंबिया सोते जागते हर वक़्त यादें इलाही में लगे रहते हैं।  अकीदा, अंबिया की तादाद मुक़र्रर करनी नाजायज है उनकी पुरी तादाद का सही इल्म अल्लाह ही को है।

जितना किस्मत में है उतना ही मिलेगा, न कम मिलेगा न ज़्यादा मिलेगा

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  जो किस्मत में है वो ही मिलेगा नहीं एक दाना कम मिलेगा न एक दाना ज़्यादा मिलेगा, सही हदीस है बुखारी की जब बच्चा शिकमे मादर में 120 दिन का होता है, 4 माह शिकमे मादर में होता हे तो उसमें रूह फंकी जाती है,  तो फरिश्ता आकर उम्र भी लिख जाता हे शाक्यों शहीद भी लिख जाता है और उसका रिज्क भी लिख जाता है, रिज्क जो लिखा गया वो हमें मिलेगा जहां जहां मिलना हे वहां वहां मिलेगा हर हाल में हमें मिलकर रहेगा जो वो हमारे नसीब का रिज्क हे उसके उसूल का जरिया क्या है जरिया ए हलाल मिलता हे या अल्लाह के ज़िक्र को छोड़ने की सजा यह हे कि मिला वही जो नसीब में था। आज हमारी जिंदगी में अल्लाह का ज़िक्र नहीं करते हम नमाजों की पाबंदी नहीं करते हमें यह सब करना होगा आज मकान पक्के हैं और इरादे कच्चे हैं आज हम कहां खड़े हैं अल्लाह मुआफ़ फरमाए हमे सबको।  एक टाइम बो भी था जो 313 थे, और सामने तादात लड़ने बालों की बहुत ज्यादा थी, और हम आज करोड़ों की तादात में हैं फिर भी खोआर हैं कहीं न कहीं तो हम गलती कर रहे हिना सोचने की बात हे हमें हमारे आने वाले मुस्तकबिल के बारे में सोचना होगा और बहुत ध्यान से सोचने की ज़रूर...

अल्लाह ताला ने दुनियां को क्यों पैदा किया?

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  अपना फ़ज़ल व अदल कुदरत व कमाल ज़ाहिर करने के लिए मख़्लूख को पैदा किया। अकीदा, अल्लाह ताला के हर काम में बहुत हिकमतें हैं, हमारी समझ में आय या न आए उसकी हिक्मत है कि दुनियां में एक चीज़ को दूसरी चीज़ का सबब ठहराया। आग को गर्मी पहुंचाने का सबब , पानी को सर्दी पहुंचाने का सबब बनाया,आंख को देखने के लिए कान को सुनने के लिये बनाया अगर वह चाहे तो आग सर्दी,  पानी गर्मी दे और आंख सुने कान देखें। खुदा की हर ऐब से पाकी, अकीदा, खुदा के लिएं हर ऐब और नक्स मुहाल है जैसे झूठ, जहल, भूल, जुल्म बेहयाई वगैरह तमाम बुराइयां ख़ुदा के लिएं मुहाल हैं और जो यह माने कि ख़ुदा झूठ बोल सकता है लेकिन बोलता नहीं तो गोया वह यह मानता है कि ख़ुदा एबी तो है लेकिन अपना ऐब छुपाए रहता है फ़िर एक झूठ पर ही क्या खत्म सब बुराईयों का यही हाल हो जाएगा कि उसमें है तो लेकिन करता नहीं जैसे जुल्म, चोरी, फना, तवालूद व तनासुल, वगैरह उयूबe  kaseera । खुद के लिये किसी नक्स व ऐब को मुमकिन जानना ख़ुदा को एबी मानना है बल्की ख़ुदा ही का इंकार करना है। अल्लाह ताला ऐसे गंदे अकीदे से हर आदमी को बचाए रखे।  अकीदा, अल्लाह ताल...

किस देश की कंपनी है रॉल्स रॉयस, क्या है इसकी खासियत, क्यूं होती है इतनी महंगी रॉल्स रॉयस कार

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  किस देश की कंपनी हे रॉल्स रॉयस, रॉल्स रॉयस की कारें अपने लक्ज़री फ्यूचर के लिए जानी जाती हैं इस ब्रांड की कारें खरीदना किसी के लिए किसी सपने से कम नहीं हैं  क्या आप जानते हैं कि दुनियां सबसे महंगा कार ब्रांड किस देश का हे , रॉल्स रॉयस एक ब्रिटिश कंपनी हैज़िस्की स्थापना 1904 में की गई थी, इस कंपनी की शुरुआत विलियम रॉल्स और हेनरी रॉयस ने मिलकर की थी, भारत में रॉल्स रॉयस की कारों का खूब क्रेज देखने को मिलता है, देश में रॉल्स रॉयस के कुल चार मॉडल बिकते हैं, जिनमें फैंटम का नाम भी शामिल है, भारत में सबसे मंहगी रॉल्स रॉयस की बात करें तो यह फैंटम एक्सटेंडेड व्हीलबेस है, भारत की इस सबसे महंगी रॉल्स रॉयस की कीमत 22 करोड़ रुपये है । कहा तो यह भी जाता हे कि रॉल्स रॉयस खरीदने के लिएं ठीक ठाक व्यापारी, कलाकार खिलाड़ी या किसी क्षेत्र में खास नाम होना ज़रूरी है। रॉल्स रॉयस की सबसे महंगी ला रोज नोईरै ड्रॉपटेल दुनियां की सबसे महंगी कार हे जिसकी कीमत लगभग 251 करोड़ रुपये है, और एक खासियत इसकी यह भी हे कि इसके अन्दर बैठने के बाद आप कोई भी बाहर की आवाज नहीं सुन पाएंगे, यह तो साफ हे कि रॉल्स रॉयस ...

भारत का सबसे बड़ा ज़िला कौनसा है, जो 9 राज्यों से बड़ा है

 अगर हम बात करें कि सबसे ज़्यादा जिले किस राज्य में हैं तो बात आती है उत्तर प्रदेश की क्योंकि उत्तर प्रदेश में टोटल 75 ज़िले हैं, हिंदुस्तान में टोटल 28 राज्य हैं और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं । और सबसे बड़े ज़िले की बात करें तो कच्छ ज़िला हे जो गुजरात में है इसका क्षेत्रफ़ल 9 राज्यों से बड़ा है इसका क्षेत्रफ़ल 45,674 वर्ग।  किलोमीटर हे जो कि 9 राज्यों में किसी भी राज्य का इसके बराबर क्षेत्रफल नहीं क्योंकि यह उन 9 राज्यों से बड़ा है। सबसे कम जिलों का राज्य गोवा हे जिसमें कुल 2 ज़िले हे और सबसे ज्यादा up में हैं  मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, गोवा, केरल, और हरियाणा शामिल हैं । जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर कॉमेंट लाईक ज़रूर करें शुक्रिया आपका।