क्या चीज़ें हदीस हैं और क्या क़दीम

{अकीदा} अल्लाह ताला की ज़ात व सिफात न मखलूक हे न मक़दूर ज़ात व सिफ़ाते इलाही के अलावा जितनी चीज़ें हैं सब हदीस हैं यानी पहले न थीं फिर मौजूद हुई। अकीदा सिफ़ाते इलाहिया को मखलूक कहना या हदीस बताना गुमराही व बद दीनी है। अकीदा, जो शख़्स अल्लाह ताला की ज़ात व सिफात के अलावा किसी ओर चीज़ को कदीम माने या आलम हादिस होने में शक करे वह काफ़िर है
अकीदा जिस तरह अल्लाह ताला आलम और आलम की हर चीज़ का खालिक है उसी तरह हमारे अमाल व आफआल का भी वही खालिक है। अल्लाह ताला की ख़लकियत व बजूब व वजूद के मायने, अल्लाह ताला वाजिबुल वजूद है यानी उसका वजूद जरूरी है और अदम मुहाल (नामुमकिन)। अल्लाह ताला का इल्म व इरादा। अकीदा, कोई चीज अल्लाह ताला के ईल्म से बाहर नहीं, मौजूद हो या maadum मुमकिन हो या मुहाल kulli हो या जुज़वी (भाग) सबको अज़ल में जानता था ओर जानता है और इबद तक जानेगा। चीज़ें बदलती है लेकिन उसका इल्म नहीं बदलता, दिलों के खतरों और वसवसों की उसको ख़बर है उसके ईल्म की कोई इम्तिहा नहीं।।

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