अल्लाह ताला की क़ुदरत, और अकीदा

 अकीदा: अल्लाह ताला की माशियत व इरादा के बग़ैर कुछ नहीं हो सकता मगर अच्छे पर ख़ुश होता है और बुरे पर नाराज़।

अकीदा: अल्लाह ताला हर मुमकिन पर कादिर है कोई मुमकिन उसकी कुदरत से बाहर नहीं मुहाल तहते कुदरत नहीं। मुहाल पर कुदरत मानना उलुहियत का इंकार करना है।

अकीदा, खैर व शर कुफ़्र व ईमान तात व एसएन अल्लाह ही की तकदीर व तखलीक से है।

अकीदा, हकीकतन रोज़ी पहुंचाने वाला वही है फरिश्ते वगैरह vaseela और वास्ता हैं।


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