दुनियां की कीमत अल्लाह के लिएं क्या हे, How much is the world worth in the eyes of Allah
अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की नज़र में दुनियां की क्या कीमत हे एक तो यह हे कि, अल्लाह के लिए दुनियां ज़र्रा बराबर भी अगर कीमती होती तो जो उसको मानने वाले नहीं हैं दुनियां में उनको अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त पानी के एक एक कतरे को तरसा देता, तरसता क्यूं नहीं है।
क्यूंकि उसकी नज़र में जब एक चीज़ की कीमत ही नहीं हे तो वो क्यों ऐसा करे कुछ लोग बोलते हैं कि उसकी नज़र में दुनियां की औकात मच्छर के पर के बराबर नहीं हे, और कुछ कहते हैं कि, खजूर होती हे उसकी गुठली के ऊपर जो पन्नी सी पर्थ होती हे उसके बराबर भी नहीं है।
फ़िर यह बताओ की इस दुनियां पर या दुनियां की दौलत पर मरना किस काम का, में अगर बोलूं अल्लाह मुझे माफ़ करे की पूरी दुनियां की कीमत एक सजदे के बराबर नहीं हे,
तो फिर धोखे का सौदा हुआ या नहीं हुआ मेरा कहने का मतलब यह नहीं हे कि कोई काम मत करो मेरा कहने का मतलब यह हे कि सबसे पहले अपनी आख़िरत पर ध्यान देने की ज़रूरत हे उसके बाद काम पर ध्यान देने की ज़रूरत हे
आज हम किस गलत फहमी का शिकार हैं गलत फहमी भी ऐसी की जिसका कोई भरोसा नहीं है न आज की पता न कल की पता हर अगला कदम मौत का हो सकता हे कौनसे शौक में डूबे हुए हैं हम
इस चीज़ की कीमत हमे बादमें पता चलेगी क्या होगा क्या नहीं होगा अल्लाह हम सबको रहे रस्ते पे चलने की तौफीक आता फरमाए आमीन summaa आमीन, अल्लाह अपनी पनाह में रखे हमे सबको
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